Monday, December 18, 2017

सतगुरु गरीबदास जी का स्वरुप वर्णन



सतगुरु गरीबदास जी का स्वरुप वर्णन

सतगुरु गरीबदास जी के ज्येष्ठ पुत्र श्री स्वामी जैतराम जी ने अपनी आँखों देखा सतगुरु जी के स्वरुप का वर्णन अपनी वाणी में किया है |

अब गरीबदास सतगुरु को पाऊं, ताके चिन्ह सहन समझाऊं |
मध्य स्वरुप सलौना भाखों, नख शिख साज सकल ही आखों ||
लघु दीर्घ से न्यारा रूपं, मध्य भाव है अंग अनूपं |
सजन सलौना सतगुरु मेरा, या भव आये करन निबेरा ||
बानी उचरी बहु प्रकारा, ज्ञान ध्यान की चाले धारा |
जैसा पात्र तैसा दाना, संसय नासक बानी प्रगटाना ||
नाद गुंजारा शब्द उचारा, किन जन विरले किया विचारा |
बानी बहु प्रकार कहावे, बानी को कोई खोजी पावै ||
खोजि खोज करे मनमाना, बानी खोजे अकल अमाना |
बानी मेरे सतगुरु भाखी, जाकी विरले जाने झांखी || 

Monday, August 21, 2017

सतगुरु श्री गरीबदास महाराज जी का परलोक गमन



सतगुरु श्री गरीबदास महाराज जी का परलोक गमन

छुड़ानी धाम में अवतार ले कर अनेक प्रकार की लीलाएं करते हुए, वाणी की रचना और प्रचार करते हुए, अनेका अनेक लोगों का उद्धार करते हुए जब सतगुरु गरीबदास जी की आयु ६१ वर्ष और तिन मास की हुई तो आप जी ने परमधाम पधारने का संकल्प किया | अपने सभी प्रेमी भक्त, संत और सेवकों को आज्ञा पत्र लिखकर भेजे की अगर कोई अंतिम दर्शन करना चाहता है तो वह फाल्गुन सुदी एकादशी को छुड़ानी में पहुंच जाए, क्यूंकि हमने उसदिन परमधाम पधारने का निश्चय किया है | जिसे भी पत्र मिला वह संदेश पाकर स्तब्ध रह गया | चित्त उदास हो गया, मन शोक से ग्रसित दो गया | जिसे जिसे भी संदेश मिला वह सभी कार्य छोड़कर महाराज श्री के दर्शन के लिए पहुंच गया | उस एकादशी के दिन बहुत अधिक मात्रा में लोग एकत्रित होने लगे | जिनमें साधू, संत, महापुरुष, भक्त और सत्संगी जन सभी शामिल थे |  उस समय ५०० से अधिक तो महाराज जी के वैरागी साधू थे |

Saturday, June 17, 2017

पुजारी की पीड़ा दूर की

 बन्दीछोड़ आचार्य श्री गरीबदास जी ने अपने वाणी ग्रंथ में पारख के अंग मे गुरूदेव  कबीर साहिब जी की जीवन लीला संक्षेप में वर्णन की है। कबीर साहिब जी के समय मे भारत में मुगल साम्राज्य था। यहां का बादशाह सिकन्दर लोदी था, जो इस्लाम धर्म का कट्टर समर्थक था परन्तु श्री कबीर साहिब जी की महिमा देखकर इनका पक्का अनुयायी बन चुका था। अपने मन का भ्रम दूर करने के लिए सिकन्दर लोदी ने 52 बार श्री कबीर साहिब जी की परख (परीक्षा) की, अंत में हारकर उसे महाराज जी का लोहा मानना ही पड़ा। एक बार श्री कबीर साहिब जी ने राजा सिकन्दर को एक कौतुक दिखाया:-

Friday, June 9, 2017

कबीर जी का जीवन परिचय




कबीर जी का जीवन परिचय

सतगुरु बन्दिछोड़ कबीर साहिब जी का अवतरण ऐसे समय में हुआ, जब भारतीय समाज और धर्म का स्वरुप अधंकारमय हो रहा था। भारत की राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक एवं धार्मिक अवस्था बहुत ही विकट हो गयी थी। जनता एक तरफ मुसलमान शासकों की धर्मांधता से त्राहि- त्राहि कर रही थी और दूसरी तरफ हिंदूओं के कर्मकांडों, विधानों एवं पाखंडों से धर्म का ह्रास हो रहा था। भक्ति- भावनाओं का सम्यक प्रचार नहीं हो रहा था। सिद्धों के पाखंडपूर्ण वचन, समाज में वासना को आश्रय  दे रहे थे।

Friday, May 26, 2017

सतगुरु बन्दीछोड़ साहिब गरीब दास जी का अवतरण - भाग २

सतगुरु बन्दीछोड़ साहिब गरीब दास जी का अवतरण - भाग २

गत अंक से आगे ....

महापुरुषों के कथनानुसार कुछ समय पश्चात माता रानी गर्भवती हो गई | जब गर्भ छे माह का था तो एक दिन माता रानी पानी भरने के लिए कुँए की तरफ जा रही थीं तो मार्ग में दो संत मिल गए | माता रानी को देख कर संतों ने उन्हें प्रणाम किया और परिक्रमा करने लगे | यह देख माता कुछ परेशान हो गई और बोलीं,  आप संत महापुरुष हैं इस तरह का व्यवहार करके हमें पाप का भागी क्यूँ बना रहे हैं | तब संतों ने कहा माता जी आप पाप के नहीं आप तो पुण्य के भागी हो | मैया आपकी देह में हमारे सतगुरु जी का तेज प्रत्यक्ष हो रहा है | हमने तो उन्हींके को प्रणाम किया है और उन्हीं की परिक्रमा की है | माता आप धन्य हैं | यह छुड़ानी गाँव धन्य है | यहां के लोग भी धन्य हैं जहां पर हमारे सतगुरु जी का अवतार होगा | 

Sunday, April 30, 2017

स्वामी ब्रह्मानंद जी महाराज भूरीवालों का निर्वाण दिवस

प्रति वर्ष की तरह स्वामी ब्रह्मानंद जी महाराज भूरीवालों के निर्वाण दिवस के अवसर पर पंजाब प्रांत के पोजेवाल धाम में 29 अप्रैल से विशाल संत समागम चल रहा है जिसकी पूर्णाहुति आज 1 मई को बन्दीछोड़ गरीब दास साहिब जी की वाणी के अखण्ड पाठ के भोग के साथ होगी. यह महा आयोजन वेदान्ताचार्य स्वामी चेतनानन्द जी महाराज भुरीवालों की सरप्रस्ती में बड़ी ही धूम धाम से चल रहा है . इस संत समागम में हमारी गरीबदासीय सम्प्रदाय के परम धाम श्री छुडानी धाम से मेहरबान साहिब श्रीमहन्त दयासागर जी महाराज भी पोजेवाल पहुंचे और संगत पर अपने अमृत्मी प्रवचनों की वर्षा की.

-------- पूर्णाहुति लाइव --------

Sunday, April 23, 2017

आदि सनातन पंथ हमारा





आदि सनातन पंथ हमारा



एक दिन शाम के समय सतगुरु गरीबदास जी महाराज अपने शिष्यों के साथ घूमते हुए उन्हें कल्याणकारी सुन्दर उपदेश दे रहे थे की उसी समय एक श्वेत बाज आकाश में उड़ते उड़ते अचानक महाराज जी के हाथ पर आ बैठा | यह देखकर सभी शिष्य आश्चर्य चकित रह गए | इस घटना का वास्तविक भेद जानने के लिए  शिष्यों में उत्सकता बढने लगी | सभी शिष्यों ने महाराज जी से पूछा की यह हिंसक बाज जो आप की कलाई पर बैठा है इस के ऐसे व्यवहार का क्या कारण है और यह बाज कौन है जो आप से इस प्रकार का  व्यवहार कर रहा है ?

Wednesday, March 1, 2017

प्रेम प्रीति की भक्ति जो, पूर्ण भाग मिलाय




प्रेम प्रीति की भक्ति जो, पूर्ण भाग मिलाय

प्रभु को जिसने भी प्राप्त किया, प्रेमा भक्ति के द्वारा ही प्राप्त किया | शबरी, मीरा, सूरदास, तुलसीदास जैसे अनेकों महापुरुषों ने प्रभु को प्रेम के द्वारा ही प्राप्त किया | कबीर जी ने तो साफ ही कह दिया

Monday, February 27, 2017

मुक्ति कराई गऊ हत्या के पाप से


  भारतवर्ष के राजस्थान राज्य के बागड़ प्रांत के किसी गांव की घटना है । उस गांव में एक जमींदार रहता था। उसने अपने खेतों में बाजरा बोया हुआ या। रात्रि में जंगली जानवर आकर खेत में घुसकर फसल का नुकसान करते थे किसानो की मेहनत पर पानी फेर जाते थे जिससे किसानों का बहुत भरी नुकशान होता था. किसानों को अपनी खेती की रात्रि के समय भी रखवाली करनी पड़ती थी । एक रात वह किसान अपने खेत की रखवाली पर था।