Saturday, September 6, 2014

आचार्य गरीब दास जी महाराज द्वारा झज्जर के नवाब को उपदेश

                               
                                        जीव को हमेशा परमात्मा के नाम का सुमरीन करते रहना चहिये | मनुष्य तो श्रेष्ठतम जीव हैं | पशु भी प्रभु के नाम का सुमरीन करके इस जन्म-मरण के बंधन से छुटकारा पा जाते हैं | इस प्रसंग में गरीब दास जी महाराज गज और ग्राह (हाथी और मगरमच्छ) का उदहारण देते हुए “राग बिलावल” में फरमाते हैं कि :

अर्ध नाम का पटतरा, सुनियों रे भाई |
गज ग्राह पशुआ तिरै, सुमरो तांई ||