Saturday, March 26, 2011

सतगुरु भुरीवाले भक्त के लिए टिकट कोल्लेक्टर बने

भगवान भक्त के वश में होते हैं अगर भक्त सच्चे मन और श्रद्धा भाव से भगवान का स्मरण करते हैं तो भगवान उसके वश में हो जाते हैं। पांडवों ने सच्चे भाव से भगवान की पूजा की जिससे श्रीकृष्ण उनके वश में हो गए और सारथी बनकर युद्ध में उनकी सहायता की। इस बात को आचार्य बाबा श्री गरीब दास जी भी अपनी बाणी में प्रतिपादित करते है :-

गरीब लख छलिछद्र मैं करूं अपने भक्तों काज |
हिरणाकशय से मार हूं नर सिंह धार हू साज ||

सतगुरु भुरीवालों का एक परम सेवक तथा भक्त श्री नराता राम जो की ग्राम चौंदा का रहने वाला था और लुधियाना रेलवे विभाग में टिकट कोल्लेक्टर के पद पर काम करता था |वेह सतगुरु भुरीवालों द्वारा बताए नित्य नियमों का पालन करता था तथा साथ साथ अपनी ड्यूटी भी किया करता था |