तुम साहिब तुम संत हौ, तुम सतगुरु
तुम हंस |
गरीबदास तुम
रूप बिन, और न दूजा
अंस ||
एक समय की बात हैं सतगुरु भूरीवाले जी महाराज
छुड़ानी धाम में गरीब दास जी महाराज के दरबार की सेवा करवा रहे थे | तभी छुड़ानी धाम का एक आदमी (भक्त मोजीराम जो
की माता रानी के पिता श्री.शिवलाल जी के ही परिवार से था) सतगुरु भूरीवाले जी
महाराज के पास आया
और कहने लगा कि “महाराज सारा
आसाढ़ और आधा सावन बीत गया पर अबकी बार वर्षा नहीं हुई | यदि वर्षा नहीं हुई तो
खेती-बाड़ी खराब हो जायेगी जिससे पशु व् बालक भी भूखे मर जायेंगे | इसलिए किरपा करके वर्षा करवा दीजिये” | सतगुरु भूरीवाले जी महाराज ने कहा कि “ये जो दो बाल्टी लस्सी (छाज) की रखी हुई हैं ना इनको पी ले
जिसके पीने के बाद तुझे जितनी भी बार लघुशंका होगी उतनी ही देर तक यँहा वर्षा होगी” |
मोजी राम जी को आप पर पूर्ण विश्वास था वह दोनों बाल्टी
लस्सी पी गया | सतगुरु भूरीवाले जी महाराज तब हाथ पर हाथ मारकर
जोर-जोर से हसने लगे और कहने लगे कि “जब तुझे लघुशंका आयेगी तभी
वर्षा होने लगेगी और तुझे भी वर्षा में भीगना पड़ेगा” | ठीक ऐसा ही हुआ जब मोजीराम जी को लघुशंका आई
तभी पता नहीं कंहा से बादल आये और जोर-२ से वर्षा होने लगी | जब तक मोजीराम बार-२ लघुशंका करता रहा जब तक
जोर-२ से वर्षा होती रही | खेतो में हर जगह पानी ही पानी हो गया था | पर यह वर्षा सिर्फ छुड़ानी धाम में ही थी सिर्फ छुड़ानी धाम की सीमा के अंदर तक ही थी और किसी भी ग्राम में वर्षा की कोई बूंद भी नहीं थी | यह बात सारे छुड़ानी धाम व् आस-पास के ग्रामो
में फेल गयी की छुड़ानी धाम में सतगुरु भूरीवाले जी महाराज ने वर्षा करवाई है |
पूर्ण ब्रह्म कृपा निधान, सुन
केशो कर्तार |
गरीबदास मुझ दीन की, रखियो
बहुत संभार ||
यह बात सुनकर सफेद्पोस नाहीया कबलाना ग्राम व् जैलदार
रामकिशन खुंगाई ग्राम दोनों मिलकर सतगुरु भूरीवाले जी महाराज के चरणों में आये और
प्रार्थना करने लगे की महाराज हमारे यंहा भी वर्षा करवा दीजिये पर सतगुरु भूरीवाले
जी महाराज ने कहा कि “वर्षा तो गरीब दास जी महाराज की दया से हुई थी | मैं कोन हुआ वर्षा कराने वाला” | तब सतगुरु भूरीवाले जी महाराज ने कहा कि “आप दोनों श्री छतरी साहिब की १०१ परिकर्मा करो व् साथ-२
मंगलाचरण का जाप करो वर्षा जरुर होगी” | तब वह दोनों परिकर्मा करने लगे और १०१ परिकर्मा
पूरी भी नहीं हुई थी की जोर-२ से वर्षा होने लगी | अबकी बार वर्षा केवल छुड़ानी धाम में ही नहीं
परन्तु आस-पास के सभी ग्रामो में हुई और सभी लोगो के चहरे खिल गए क्युकि चारों ओर
सूखे से लोग बहुत चिंतित थे | यह सब सत्पुरुष सतगुरु भूरीवाले जी महाराज की
ही लीला थी .
II सतपुरुष कबीर दास जी महाराज की जय ||
II आचार्य
श्री.श्री.१००८ गरीब दास जी महाराज की जय II
II सतगुरु भूरीवाले जी महाराज की
जय II
II छुडानी धाम धाम की जय II
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