Sunday, March 2, 2014

श्री छुड़ानी धाम का मेला


                   गरीब धन जननी धन भूमि धन, धन नगरी धन देश I
                        धन करनी धन कुल धन, जंहाँ साधू प्रवेश II





              भारत की पवित्र भूमि प्राचीन काल से ही ऋषि मुनियों व अवतारों के लिए प्रसिद्ध हैं जब संसार में लोग धर्म का साथ छोड़ रहे थे और अधर्म को अपना रहे थे जब धरती पापियों के अत्याचार से कांप रही थी तब सन १७१७ में अनंता-अनन्त अखिल ब्रह्मंड नायक ज्योत सत्पुरुष सतगुरु कबीर दास जी महाराज ने  आचार्य श्री.श्री.१००८ गरीब दास जी महाराज के रूप में श्री छुड़ानी धाम जिला झज्जर तहसील बहादुरगढ़ हरियाणा में अवतार लिया I






                       सम्मत सतरह सो चोहत्रा, ग्रीष्म ऋतू बैसाख I
                       उतम तिथि पूनम सही, पाप दियो हैं नाख II

आचार्य श्री.श्री.१००८ गरीब दास जी महाराज ने जीवों के कल्याण के लिए पावन-पवित्र कल्याणकारी अमृत्मई वाणी की रचना की I आचार्य श्री.श्री.१००८ गरीब दास जी महाराज ने ६१ वर्ष तक यहाँ रह कर जीवों का कल्याण किया और इसके बाद वह यह लोक छोड़ कर सतलोक को वापिस चले गए :

                    सम्मत अठारा सों पेंतिसा, मास भादवा जान I
                     तिथि दुज शुक्ल पक्ष की, सोमवार शुभमान II

           आज उनकी समाधी स्थल पर भव्य "श्री.छतरी साहिब" बनी हुई हैं जंहाँ आचार्य श्री.श्री.१००८ गरीब दास जी महाराज की वाणी का पाठ २४ घंटे निरंतर बिना किसी विघन के होता रहता है I
आचार्य श्री.श्री.१००८ गरीब दास जी महाराज की स्मृति में श्री.छुड़ानी धाम में प्रतिवर्ष ३-३ दिनों के ३ भव्य मेलो का आयोजन होता है I

१.     वैसाख शु० त्रयोदशी से पूर्णिमा तक : यह महाराज जी के अवतार दिवस की याद में
२.     भादो अमावश्या से शु० दिवितीया तक : महाराज जी के सतलोक गमन के याद में
३.     फागुन शु० दशमी से द्वादशी तक : सत्पुरुष सतगुरु कबीर साहिब जी के श्री.छुड़ानी धाम में     प्रकट दिवस के रूप में ( किरपा पर्व )
४.      मेलों की तयारी कई दिनों पहले ही पूरी कर ली जाती है और ये सब कार्यक्रम सर्वोच्य गरीबदासीय पीठ श्री.छुड़ानी धाम के श्री महंत दयासागर जी की अध्यक्षता में किया जाता हैं I सर्वोच्य गरीबदासीय पीठ श्री.छुड़ानी धाम  में आचार्य आदि गददी नशीन श्री महंतो की प्रणाली :

१. आचार्य श्री.श्री.१००८ गरीब दास जी महाराज
१. श्री महंत तुरती राम जी
२. श्री महंत दानी राम जी
३. श्री महंत शीलवंत राम जी
४. श्री महंत शिव दयाल जी
५. श्री महंत रामकिशन दास जी
६. श्री महंत गंगा सागर जी
७. श्री महंत दया सागर जी ( वर्तमान में )

सभी सेवादोरो को जिमेदारी दी जाती हैं सेवोदारो में श्री.छ्डानी धाम के वासी व बाहर से आई हुई सांगत द्वारा सेवा की जाती हैं I मेले के कार्यक्रम में सबसे पहले शोभायात्रा निकलती हैं फिर महाराज जी की वाणी के अखंड पाठ का प्रकाश होता हैं जो कि निरंतर ४८ घंटे चलता है I  सर्वोच्य गरीबदासीय पीठ श्री.छुड़ानी धाम के पीठाधिश्वर महंत जी पूर्णिमा और मेलो पर नाम दान की दीक्षा देकर लोगो का जीवन सफल बनाते है क्युकि कबीर साहिब जी अपनी वाणी में कहते हैं कि

                      कबीर, गुरु बिन माला फेरते, गुरु बिन देवे दान I
                       गुरु बिन दान हराम, हैं पूछो वेद पुराण II

मेले के दोरान फ्री मेडिकल केंप का आयोजन भी किया जाता हैं .श्री छतरी साहिब में देश के कोने-कोने से साधू महात्मा आते हैं और आई हुई संगत पर अपने अमृतमई वचनों की वर्षा करते हैं I श्री छतरी साहिब में आई हुई सारि  सांगत के लिए २४ घंटे अटूट भंडारा चलता रहता हैं और भंडारे के लिए किसी हलवाई का प्रबंध नहीं किया जाता बल्कि सांगत(विशेष करके पंजाब व् हिमाचल से महाराज भुरीवालों की गुर गद्दी परम्परा की संगत व् सेवादार ) व छुड़ानी धाम के लोग मिलकर ही रोटिय बनाते हैं और आचार्य श्री.श्री.१००८ गरीब दास जी महाराज ने अन्न के दान को सबसे उतम दान माना हैं वह अपनी वाणी में भी कहते हैं कि :

                        “दास गरीब कहैं दरवेशा, रोटी बाटओ सदा हमेशा”  

        प्रशासन की तरफ से भी मेले के लिए पुख्ता इंतजाम किये जाते हैं और भारी मात्रा में पुलिस बल की तेनती रहती हैं क्युकि संगत की संख्या काफी होती है मेले में लाखो की संख्या में सांगत देश विदेश से अपने मालिक आचार्य श्री.श्री.१००८ गरीब दास जी महाराज की शरण में अपनी मनोकामनाये लेकर आती और उनकी पूरी भी होती हैं क्युकि आचार्य श्री.श्री.१००८ गरीब दास जी महाराज अपनी वाणी में कहते हैं कि  

                                           गरीब, कामधेनु कल्पव्रक्ष हैं दरबार हमारे I
                                            अठसिधि नोनिधि आंगने नित कारज सारे II

  आई हुई संगत व साधू महात्माओ के विश्राम के लिए काफी संख्या में कुटिया है संगत तन-मन-धन से महाराज के दरबार में सेवा करती है सारी संगत श्री.छतरी साहिब में हाजरी लगाने के बाद सत्पुरुष सतगुरु कबीर साहिब जी महाराज के प्रकट स्थान पर जाते हैं जो की छतरी साहिब से २ किलोमीटर की दुरी पर है I इसके बाद संगत बड़े जहोड़ पर जाती हैं जंहा आचार्य श्री.श्री.१००८ गरीब दास जी महाराज गंगा मैया का आह्वान करके उनको ३ बार प्रकट किया था I

          ४८ घंटे बाद आचार्य श्री.श्री.१००८ गरीब दास जी महाराज जी वाणी को भोग लगता हैं संगत में प्रसाद वितरण होता हैं और मेला समाप्ति की तरफ बढ़ता हैं .लाखो की संख्या में लोग प्रसाद ग्रहण करते हैं और जय-जय कर करते हुए अपने-अपने घर वापिस चले जाते हैं 

                  कहते है कि पूर्णिमा पर महाराज जी के दरबार में हाजरी जरुर लगानी चहिये यदि न लग पाए तो मेलो पर जरुर यदि किसी कारण वश तब भी न लग पाए तो साल में एक दिन तो जरुर आचार्य श्री.श्री.१००८ गरीब दास जी महाराज के दरबार “श्री.छतरी साहिब छुड़ानी धाम” में हाजरी जरुर लगनी चाहिये .  

     Iसतपुरुष कबीर दास जी महाराज की जय II
      Iआचार्य श्री.श्री.१००८ गरीब दास जी महाराज की जय II
       Iसतगुरु भूरीवाले जी महाराज की जय II
       II श्री छुडानी धाम धाम की जय II

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