Tuesday, February 12, 2013

सतगुरु भूरीवालों के बाल अवस्था के कौतक (सर्प द्वारा छाया)


सतगुरु भूरीवालों के बाल अवस्था के कौतक (सर्प द्वारा छाया)

कबीरा क्यों मैं चिंत हूँ मम चिन्ते क्या होये,
मेरी चिंता हरी करें चिन्ता मोहे न कोये!

सतगुरु भूरीवालों का जन्म विक्रमी  सम्मत १९१९ में भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी (श्री कृषण अष्टमी) में हुआ, और सत्गुरों में आस्था रखनेवाले भगत जन श्री कृष्ण जी का ही अवतार मानते हैं! आप विख्यात भारत में अपने तेजस्व से अनंत श्री विभूषित  संत शिरोमणि स्वामी ब्रह्म्सागर  जी महाराज भूरीवालों के नाम से सुप्रसिध हुये! आप की बाल अवस्था से ही लोगों को ऐसे-ऐसे करिश्मे देखने नसीब हुए लेकिन भोले लोग तब यह -  समझ सके!

Monday, February 11, 2013

गाव दहेडू के भक्त रामजी दास की कथा

बाबा गरीबदास जी की वाणी द्वारा रचित यह शलोक  हम सब जीवों पर लागू होता है I

गुर बिन माला फेरते , गुरु बिन देते दान I
गुर बिन दान हराम है , पूछो  वेद  पुराण II

 हम चाहें जितनी भी भक्ति कर लें पूजा पाठ कर लें परन्तु जब तक हमारे पास पूरण गुरु का साथ नहीं और उनका आशीर्वाद नहीं होगा तब तक हम जनम और मरण के चक्रों से नहीं बच सकते I इसी कथन को सिद्ध करती कथा है, खन्ना शहर से चार मील की दुरी पर स्थित दहेडू गाँव के पंडित राम जी दास की I