एक बार की बात है कि रामगोपाल
नाम का एक व्यक्ति सतगुरु ब्रह्मसागर जी महाराज
भुरीवालो का सेवक था | रामगोपाल की सतगुरु भुरीवालों के चरणों में पूर्ण निष्ठा
थी | रामगोपाल निरंतर सतगुरु जी के दर्शन करने जाया करता
था | एक बार की बात है कि सतगुरु जी चौदां वाली कुटिया में
ठहरे हुए थे | रामगोपाल को जब इस बात का पता चला तब वह सतगुरु जी के दर्शन करने के लिए अपने
एक और साथी को लेकर चौदां के लिये निकल पड़ा | जब रामगोपाल व उसका साथी कुटिया में
पहुंचे तब सतगुरु भुरीवालों जी थड़े पर बैठे थे | रामगोपाल ने सतगुरु जी के दर्शन किये और दण्डवत
प्रणाम किया, जब रामगोपाल प्रणाम करके उठा तब सतगुरु जी ने कहा की “रामगोपाल !
दिल्ली कब जायेगा?” |
Saturday, April 11, 2015
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