Saturday, April 11, 2015

अन्तर्यामी सतगुरु मेरा


                                                            एक बार की बात है कि रामगोपाल नाम का एक व्यक्ति सतगुरु ब्रह्मसागर जी महाराज  भुरीवालो का सेवक था | रामगोपाल की सतगुरु भुरीवालों के चरणों में पूर्ण निष्ठा थी | रामगोपाल निरंतर सतगुरु जी के दर्शन करने जाया करता था | एक बार की बात है कि सतगुरु जी चौदां वाली कुटिया में ठहरे हुए थे | रामगोपाल को जब इस बात का पता चला तब वह सतगुरु जी के दर्शन करने के लिए अपने एक और साथी को लेकर चौदां के लिये निकल पड़ा | जब रामगोपाल व उसका साथी कुटिया में पहुंचे तब सतगुरु भुरीवालों जी थड़े पर बैठे थे | रामगोपाल ने सतगुरु जी के दर्शन किये और दण्डवत प्रणाम किया, जब रामगोपाल प्रणाम करके उठा तब सतगुरु जी ने कहा की “रामगोपाल ! दिल्ली कब जायेगा?” |