गरीब ऐसा अविगत राम है, अगम
अगोचर नूर |
सुनं सनेही आदि है, सकल लोक भरपूर ||
जब गरीब दास साहिब जी की विवाह की उम्र हुई तब पिता जी श्री बलराम जी व माता
रानी जी ने एक सुयोग्य कन्या मोहिनी देवी सुपुत्री श्री नादर सिंह दहिया गाँव
बरोना के साथ विवाह सम्पन करा दिया था | बरोना गाँव
श्री छुड़ानी धाम से ३० मील कि दुरी पर रोहतक-सोनीपत वाली सड़क पर है| एक बार की बात हैं महाराज जी बरोणा ग्राम गए हुए थे | बहुत से लोग आपके पास बैठे हुए थे| और तरह तरह की चर्चा कर रहे थे | तभी उस ग्राम का एक विद्वान् पंडित वँहा आया और वँहा आकर उन लोगो से पूछा कि “जो
ये लड़का (गरीब दास साहिब जी) जो पलंग पर बैठा हुआ हैं कोन हैं?”