सतगुरु भुरीवालो के मोजुदा गद्दी नशीन वेदांत आचार्य महाराज चेतना नंद जी भूरीवाले ( काशिवाले ) भी अक्सर अपने प्रवचनों मै कहते है
जरे जरे में है झांकी भगवान की , किसी सूझ वाली आँख ने पहचान की I
कुछ ऐसा ही वाक्य है गाव चौंदा का I जँहा महाराज भूरीवाले अक्सर जाया करते थे I गाव चौंदा की कुटिया में एक विशाल व अधियात्मिक विस्तृत बोहड़ का पेड़ था I एक बार महाराज भूरीवाले उस वृक्ष के नीचे भगवत चिन्तनं कर रहे थे की