Monday, April 25, 2011

श्र्रदांजलि स्वामी ब्रह्मानन्द जी भुरीवाले (तृतीय)-ब्रह्मलीन

[यह लेख सन २००२ में प्रकाशित गरिब दासी पंथ की प्रमुख त्रेमासिक पत्रिका जगद्गगुरु श्री गरिबदासाचार्य जी कल्याणकारी उपदेश से लिया गया है जो की गरीबदासीय शिरोमणि ट्रस्ट ,छतरी साहिब,छुडानी धाम ,जिला झज्जर (हरियाणा )द्वारा संचालित की गई है ]



स्वामी ब्रह्मानन्द जी भुरीवाले (तृतीय)-ब्रह्मलीन


(श्रधांजलि सभा के अवसर पर विशेष पत्र)

दिनांक १-५-२००२ को गरीबदासीय पंथ के चमकते सितारे ,ज्ञानरूपी प्रकाश से दूसरों को प्रकाशित करने वाले ,दीनदुखियों के मसीहा परम पूज्यनीय स्वामी ब्रह्मानन्द जी ब्रह्मलीन हो गये है स्वामी जी पूर्व जन्म के महातपस्वी एवं वर्तमान जन्म के पूर्वाध में राजकीय/शासकीय एवं पारिवारिक समर्धि से भरपूर एवं जन्म के उत्तरार्ध में पूज्यनीय स्वामी लाल दास जी के उत्तराधिकारी के रूप में महाराज भुरीवालों की गद्दी पर आसीन हुए उल्लेखनीय है की गरीबदासीय पंथ में आचार्य गद्दीनशीन श्रीमहंतो के साथ -साथ शिरोमणि स्वामी ब्रह्म सागर भुरीवाले महाराज जी की परम्परायें निरंतर भक्त समाज का मार्गदर्शन कर रही हैं पूज्यनीय स्वामी ब्रह्मानन्द जी ने स्वामी ब्रह्मसागर भुरीवालों की गद्दी पर आसीन होकर पूर्ण विरक्त परम्परा का आजीवन विर्वाह किया छतरी साहिब छुडानी धाम सहित गरीबदासीय पंथ के डेरो/कुटियाओं की अपूर्व सेवा करवाई आचार्य श्री गरीब दास जी ,
स्वामी भुरीवालों एवं स्वामी लालदास जी की स्मृति में सैकड़ों संस्थाओ को स्थापना करवाई पंजाब के कंडी -दुनी -बीत क्षेत्रों में एवं लुधियाना में विद्यालयों -महाविद्यालयों -चिकित्सालियो -गौशालाओं एवं धर्म संस्थाओं की श्रंखला खड़ी की गरीब ,किसान ,मजदूर व् क्षेत्रवासियों के लिए सड़क ,सिंचाई सुविधा ,पुल आदि का राज्य शासन व् प्रशासन को आदेश देकर निर्माण करवाया यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि पंजाब प्रान्त के ज्यादातर मुख्यमंत्री स्वामी ब्रह्मानन्द जी महाराज से आशीर्वाद लेते रहे है स्वामी जी ने आचार्य श्री कि वाणी के माध्यम से जनसाधारण का मुक्ति मार्ग प्रशस्त किया हरिद्वार स्थित ब्रह्मनिवास(दक्षिणी) का अभूतपूर्व विस्तार किया , जो आज हरिद्वार स्थित गरीबदासीय आश्रमों में एक अग्रणी संस्था है , जहां अन्नक्षेत्र व् संत सेवा की सर्वोतम व्यवस्था है पंजाब सहित हिमाचल ,जम्मू कश्मीर ,हरियाणा ,दिल्ली ,राजस्थान ,उत्तरप्रदेश ,उत्तरांचल आदि प्रदेशों में गरीबदासीय वाणी की अलख जगाई धन्य है स्वामी ब्रह्मानन्द जी , धन्य है आप द्वारा किया गया परोपकार गरीबदासीय पंथ एवं भारतवर्ष के नागरिक आपके सदा ॠणी रहेंगे


महाप्रयाण


दिनांक १-५-२००२ को प्रातः लगभग ९-०० बजे भुरीवालों की कुटिया गांव भवानीपुर जिला :होशियारपुर (पंजाब) में स्वामी ब्रह्मानन्द जी ज्योतिज्योत समाये दिनांक २-५-२००२ को श्रीमहन्त दया सागर जी के जत्थे वाले वाहन सैकड़ों वाहनों के काफिले के साथ -साथ पार्थिव देह को शोभा यात्रा के रूप में सैकड़ों गरीबदासीय धर्मस्थानों से होते हुए लुधियाना स्थित प्रसिद्ध गरीबदासीय स्थान "महाराज भुरीवालों की कुटिया" भारत नगर चौक ,लाया गया , जहां पंजाब के अनेक सन्त महामंडलेश्वरों ,वरिष्ट राजनीतिज्ञों ,पत्रकारों एवं भक्क्त समाज द्वारा श्रद्दासुमन अर्पित किये गए पंजाब पुलिस द्वारा सम्मान व्यक्क्त किया गया छतरी साहिब छुडानी धाम के आचार्य आदिगद्दीनशीन श्रीमहन्त दयासागर जी ने लुधियाना पहुंचकर श्रद्दासुमन अर्पित किये श्री महन्त जी की अगुवाई में शोभा यात्रा के रूप में पार्थिव देह को ३-५-२००२ को लुधियाना से हरिद्वार लाया गया साहनेवाल ,खन्ना ,गोबिंदगढ़ ,राजपुरा ,अम्बाला ,यमुनानगर ,सहारनपुर सहित दर्जनों स्थानों पर स्थानीय भक्त्समाज ने महाराज श्री को श्रद्दासुमन अर्पित किये महाराज श्री को श्रधान्जली अर्पित करने के लिए विदेशों से भी उनके भक्क्त हरिद्वार पधारे दिनांक ४-५-२००२ को उत्तरांचल के मुख्यमंत्री माननीय श्री नारायण दत्त तिवारी एवं स्थानीय जिला प्रशासन ने महाराज श्री को श्रद्दासुमन अर्पित किये तत्पश्चात हजारों की संख्या में कई प्रान्तों के श्रधालुयो सहित श्री महन्त दयासागर जी , स्वामी ब्रह्मानन्द जी के परमशिष्य स्वामी चेतनानन्द जी वेदान्ताचार्य ,महाराज श्री के अन्य गुरु भाईयों , शिष्यों ,गरीबदासीय पंथ के महापुरषो एवं षट्दर्शन साधू समाज की उपस्थिति में पार्थिव देश को माँ भागीरथी,गंगामईया के अर्पण किया गया सर्वोच्च गरीबदासीय पीठ छतरी साहिब छुडानी धाम ,सम्पूर्ण गरीबदासीय पंथ ,अखिल भारतीय साधू समाज महाराज श्री को भावभीनी श्रधांजलि अर्पित करता है


शुभकामनायें


पूज्यनीय स्वामी ब्रह्मानन्द जी के पार्थिव शारीर को जल समाधि देने के पश्चात दिनांक ४-५-२००२ को सांय ४ बजे ब्रह्मनिवास (दक्षिणी) सप्त सरोवर रोड, हरिद्वार में सर्वोच्च गरिबदासीय पीठ , छतरी साहिब छुडानी धाम के आचार्य आदिगद्दीनशीन श्रीमहन्त दयासागर जी की अध्यक्षता में शोकसभा एवं एक विशेष सभा का आयोजन किया सभा का संचालन स्वामी ब्रह्मानन्द जी के गुरुभाई स्वामी प्रकाशानन्द जी की किया पहले २ मिनट का मौन धारण किया गया तत्पश्चात श्रीमहन्त जी ने स्वामी जी के उत्र्राधिकारी के बारे में चर्चा की वैसे तो स्वामी ब्रह्मानन्द जी ने अपने जीवन काल में ही पंजाब प्रान्त के मालेवाल गांव (कंडी) में श्रीमहन्त दयासागर जी के श्रीमुख से अपने परमशिष्य स्वामी चेतनानन्द जी वेदान्ताचार्य को अपना उत्र्राधिकारी घोषित करवा दिया था , फिर भी श्रीमहन्त जी ने दिनांक ४-५-२००२ जी विशेष सभा में स्वामी ब्रह्मानन्द जी के अन्य सभी सन्तशिष्यों एवं भक्तसमाज द्वारा स्वामी चेतनानन्द जी को उतराधिकारी के रूप में स्वीकार करते हुए सहमति व् समर्थन व्यक्त करवाया गरीबदासीय पंथ एवं अखिल भारतीय साधू समाज के समक्ष भी इस सम्बंध में अनुमोदन करने का प्रस्ताव पारित किया गया हम सभी स्वामी चेतनानन्द जी वेदान्ताचार्य के उत्र्राधिकारी नियुक्त होने पर शुभकामना व्यक्त करते है और आशा करते है कि आप अपने पूज्यनीय गुरुमहाराज ब्रह्मलीन स्वामी ब्रह्मानन्द जी की आज्ञा अनुसार एवं उनके आदेशों पर चलते हुए गरीबदासीय वाणी का प्रचार प्रसार एवं लोकहितार्थ शुभकार्य करते रहेंगे


हुकमनामा


सर्वोच्च गरीबदासीय पीठ ,छतरी साहिब ,छुडानी धाम ,जिला झज्जर (हरियाणा) की ओर से छतरी साहिब द्वारा नियंत्रित व समर्थित गरीबदासीय पंथ के सभी भक्तो एवं महाराज भुरीवालों की संगत के लिए हुकमनामा जारी किया जाता है कि स्वामी चेतनानन्द जी वेदान्ताचार्य ,जो कि पूज्यनीय स्वामी ब्रह्मसागर भुरीवालों की पवित्र गद्दी पर आसीन होने वाले चौथे महापुरष(स्वामी भुरीवाले चतुर्थ) है ,उनके प्रति पूर्ण श्रधा रखे और उनके अंदर स्वामी ब्रह्मसागर भूरी वालों कि ज्योति का दर्शन करकें लाभ उठावें


बन्दीछोड़ जगद्गगुरु श्री गरीबदासाचार्य जी महाराज संगतों का सदैव मंगल करें


निवेदक:


गरीबदासीय शिरोमणि ट्रस्ट ,छतरी साहिब ,छुडानी धाम ,जिला झज्जर (हरियाणा)


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श्री भुरीवालों कि गद्दी परम्परा (गरीबदासीय पंथ)





  1. सतगुरु ब्रह्मसागर भुरीवाले जी



  2. स्वामी लालदास जी



  3. स्वामी ब्रह्मानन्द जी



  4. स्वामी चेतनानन्द जी वेदान्ताचार्य

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