भारतवर्ष सन्तों की भूमि होने के कारण जगत प्रसिद रहा है , सन्तों की भूमि होने के कारण यहाँ की मिटटी पूजने लायक है सन्तपुरुषों के इस देश में एक अति विख्यात सन्त हुए जिनको हम आचार्य श्री गरीबदास जी ने नाम से जानते हैं आचार्य श्री गरीबदास जी ने समय-समय पर परचे देकर ,लोगों को भक्ति के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया आचार्य श्री ने लोगों के कल्याण हेतु अमृतमयी वाणी कि रचना की जिसके पाठ करने मात्र से कितने ही लोग भवसागर पार कर गए
उन दिनों छुडानी धाम फर्रुखनगर की जागीर के आधीन था वहां का नवाब बड़ा की अत्याचारी व् पापी था वह जबरदस्ती कर वसूलने के लिए गाँवो को लुटता था लोंगो को मृत्यु दंण्ड देता था एक बार नवाब ने छुडानी धाम के आसपास के गांवों को लुटा नवाब को आचार्य श्री गरीबदास जी कि बारे में पता चला नवाब ने अपने राज कर्मचारी भेजे कि गरीबदास को गिरफ्तार करके लाओ आचार्य श्री नवाब के पास अपने पञ्च शिष्यों को साथ लेकर फर्रुखनगर पहुंच गए वहां जाते ही नवाब ने हुक्म दिया कि इनको भूखे शेर के पिंजरे में छोड़ दिया जाए ताकि कई दिन से भूखा बैठा शेर इनको खाकर अपनी भूख शान्त करे नवाब के आदेश को सुनकर सारा जनसमूह त्राहि-त्राहि कर उठा , लोग व्याकुल हो उठे आचार्य श्री ने उनको शान्त करते हुए उपदेश दिया "जाको राखै साईंयां ,मार सकै न कोय "इतना कहकर आचार्य श्री गरीबदास जी महाराज भूखे शेर के पिंजरे में प्रवेश कर गए भूखे शेर ने आचार्य श्री की ओर खा जाने वाली नजर से देखा किन्तु आचार्य श्री के दर्शनमात्र से ही उसकी पशुता समाप्त हो गई वह भूखा शेर आचार्य श्री गरीबदास जी महाराज के तलवों को चाटने लगा आचार्य श्री ने उसके शरीर पर हाथ फेरा और आशीर्वाद दिया कि आज से तुम्हारी पशुता समाप्त हो गई ,तुम मोक्ष को प्राप्त होगे यह दृश्य देखकर लोग आश्चर्य चकित रह गए चारों ओर बन्दीछोड़ जी का जयकारा गूंजने लगा आचार्य श्री के साथ -साथ वेह शेर भी पिंजरे से बाहर निकल आया उसको किसी ने नहीं रोका वेह शेर आचार्य श्री के साथ छुडानी धाम तक आया , फिर आचार्य श्री गरीबदास जी ने उसके ऊपर अपना मेहर भरा पंजा रखकर उसको मोक्ष का अधिकारी बना दिया फर्रुखनगर के नवाब ने आचार्य श्री के नाम भूमि का पटटा लिखकर भिजवाया जिसे आचार्य श्री ने विनय पूर्वक वापस कर दिया
Friday, September 17, 2010
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Bandishod ji ki mahima appar hai.Unki mahima ko kaun jan sakta hai.
ReplyDeleteभारत की मिट्टी में ही सन्त जन्म ले सकते है अन्यत्र दुर्लभ है उन्ही संतो में एक संत थे बाबा गरीब दास जी..
ReplyDeleteVery surprising.
ReplyDeleteआपके ब्लॉग पर आकर अच्छा लगा , आप हमारे ब्लॉग पर भी आयें. यदि हमारा प्रयास आपको पसंद आये तो "फालोवर" बनकर हमारा उत्साहवर्धन अवश्य करें. साथ ही अपने अमूल्य सुझावों से हमें अवगत भी कराएँ, ताकि इस मंच को हम नयी दिशा दे सकें. धन्यवाद . हम आपकी प्रतीक्षा करेंगे ....
ReplyDeleteभारतीय ब्लॉग लेखक मंच
डंके की चोट पर
Guru Satguru Hote nahi
ReplyDeletekaise chutti bandh
kaun lakhata jeev ko
kaal kala ki sandh