Friday, September 17, 2010

बाबा गरीबदास जी द्वारा भूखे शेर की मुक्ति

भारतवर्ष सन्तों की भूमि होने के कारण जगत प्रसिद रहा है , सन्तों की भूमि होने के कारण यहाँ की मिटटी पूजने लायक है सन्तपुरुषों के इस देश में एक अति विख्यात सन्त हुए जिनको हम आचार्य श्री गरीबदास जी ने नाम से जानते हैं आचार्य श्री गरीबदास जी ने समय-समय पर परचे देकर ,लोगों को भक्ति के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया आचार्य श्री ने लोगों के कल्याण हेतु अमृतमयी वाणी कि रचना की जिसके पाठ करने मात्र से कितने ही लोग भवसागर पार कर गए

उन दिनों छुडानी धाम फर्रुखनगर की जागीर के आधीन था वहां का नवाब बड़ा की अत्याचारी व् पापी था वह जबरदस्ती कर वसूलने के लिए गाँवो को लुटता था लोंगो को मृत्यु दंण्ड देता था एक बार नवाब ने छुडानी धाम के आसपास के गांवों को लुटा नवाब को आचार्य श्री गरीबदास जी कि बारे में पता चला नवाब ने अपने राज कर्मचारी भेजे कि गरीबदास को गिरफ्तार करके लाओ आचार्य श्री नवाब के पास अपने पञ्च शिष्यों को साथ लेकर फर्रुखनगर पहुंच गए वहां जाते ही नवाब ने हुक्म दिया कि इनको भूखे शेर के पिंजरे में छोड़ दिया जाए ताकि कई दिन से भूखा बैठा शेर इनको खाकर अपनी भूख शान्त करे नवाब के आदेश को सुनकर सारा जनसमूह त्राहि-त्राहि कर उठा , लोग व्याकुल हो उठे आचार्य श्री ने उनको शान्त करते हुए उपदेश दिया "जाको राखै साईंयां ,मार सकै न कोय "इतना कहकर आचार्य श्री गरीबदास जी महाराज भूखे शेर के पिंजरे में प्रवेश कर गए भूखे शेर ने आचार्य श्री की ओर खा जाने वाली नजर से देखा किन्तु आचार्य श्री के दर्शनमात्र से ही उसकी पशुता समाप्त हो गई वह भूखा शेर आचार्य श्री गरीबदास जी महाराज के तलवों को चाटने लगा आचार्य श्री ने उसके शरीर पर हाथ फेरा और आशीर्वाद दिया कि आज से तुम्हारी पशुता समाप्त हो गई ,तुम मोक्ष को प्राप्त होगे यह दृश्य देखकर लोग आश्चर्य चकित रह गए चारों ओर बन्दीछोड़ जी का जयकारा गूंजने लगा आचार्य श्री के साथ -साथ वेह शेर भी पिंजरे से बाहर निकल आया उसको किसी ने नहीं रोका वेह शेर आचार्य श्री के साथ छुडानी धाम तक आया , फिर आचार्य श्री गरीबदास जी ने उसके ऊपर अपना मेहर भरा पंजा रखकर उसको मोक्ष का अधिकारी बना दिया फर्रुखनगर के नवाब ने आचार्य श्री के नाम भूमि का पटटा लिखकर भिजवाया जिसे आचार्य श्री ने विनय पूर्वक वापस कर दिया

5 comments:

  1. Bandishod ji ki mahima appar hai.Unki mahima ko kaun jan sakta hai.

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  2. भारत की मिट्टी में ही सन्त जन्म ले सकते है अन्यत्र दुर्लभ है उन्ही संतो में एक संत थे बाबा गरीब दास जी..

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  3. आपके ब्लॉग पर आकर अच्छा लगा , आप हमारे ब्लॉग पर भी आयें. यदि हमारा प्रयास आपको पसंद आये तो "फालोवर" बनकर हमारा उत्साहवर्धन अवश्य करें. साथ ही अपने अमूल्य सुझावों से हमें अवगत भी कराएँ, ताकि इस मंच को हम नयी दिशा दे सकें. धन्यवाद . हम आपकी प्रतीक्षा करेंगे ....
    भारतीय ब्लॉग लेखक मंच
    डंके की चोट पर

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  4. Guru Satguru Hote nahi
    kaise chutti bandh
    kaun lakhata jeev ko
    kaal kala ki sandh

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